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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 9, Issue 3, Part C (2023)

आधुनिक भारतीय शिक्षा के विशेष संदर्भ में डा० सम्पूर्णानन्द तथा आचार्य नरेन्द्रदेव के शिक्षा दर्शन के योगदान का अध्ययन

आधुनिक भारतीय शिक्षा के विशेष संदर्भ में डा० सम्पूर्णानन्द तथा आचार्य नरेन्द्रदेव के शिक्षा दर्शन के योगदान का अध्ययन

Author(s)
शमीम हैदर और डॉ० शगुफ्ताह जबीं
Abstract
आधुनिक युग में लोगों का जीवन दर्शन फिर बदल गया। परिणामस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रन्तिकारी परिवर्तन होने लगे। जॉन व लॉक रूसो जैसे दार्शनिक ने पुरानी विचारधाराओं को घोर विरोध किया और इस बात पर बल दिया कि बालक के व्यक्तित्व की उपेक्षा न करके उसकी मूल प्रवृतियों को स्वतंत्रतापूर्वक विकसित होने के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किये जाये। इससे शिक्षा में मनोवैज्ञानिक प्रगति का जन्म हुआ। जैसे-जैसे शिक्षा में इस प्रवृति का विकास होता गया वैसे-वैसे शिक्षा बालक प्रधान होती चली गयी। समय परिवर्तन के साथ-साथ जीवन के उदेश्यों में फिर परिवर्तन आया। ज्यों ही औधोगिक क्रांति आरम्भ हुई शिक्षा भी इसके प्रभाव से अछूती न रह सकी। प्रस्तुत शोध आलेख में सम्पूर्णानन्द जी एवं आचार्य नरेन्द्रदेव के शिक्षा सम्बन्धी विचारों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता को प्रस्तुत करने को प्रयास किया जायेगा। इनके द्वारा प्रस्तुत शिक्षा के उद्देश्य, पाठ्यक्रम, शिक्षण-विधि, शिक्षक, गुरु-शिष्य सम्बन्ध, जन शिक्षा के सम्बन्ध में दिये गये विचारों तक ही परिसीमित है।
Pages: 199-202  |  219 Views  93 Downloads


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How to cite this article:
शमीम हैदर और डॉ० शगुफ्ताह जबीं. आधुनिक भारतीय शिक्षा के विशेष संदर्भ में डा० सम्पूर्णानन्द तथा आचार्य नरेन्द्रदेव के शिक्षा दर्शन के योगदान का अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(3):199-202.
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