Vol. 1, Issue 1, Part E (2014)
अमूरà¥à¤¤ कला का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤µ (परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, अवधारणाà¤à¤, रूपरेखा à¤à¤µà¤‚ उदगम)
अमूरà¥à¤¤ कला का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤µ (परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, अवधारणाà¤à¤, रूपरेखा à¤à¤µà¤‚ उदगम)
Author(s)
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
Abstract
अमूरà¥à¤¤ कला में किसी न किसी रूप से कला ततà¥à¤µ मौजूद रहते हैं। अमूरà¥à¤¤ कला से कलाकार अपने विचारों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¥€ करता है, जो परोकà¥à¤· या अपरोकà¥à¤· रूप से समाज में मौजूद सामाजिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤•, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• आदि आडमà¥à¤¬à¤° और विकास को उसके अपने अनà¥à¤à¤µ के आधार पर समà¤à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करता है। साथ ही पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की अपनी सतà¥à¤¤à¤¾ को à¤à¥€ वह समà¤à¤¤à¤¾ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसका जनà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ विकास यही हà¥à¤† है, तो अमूरà¥à¤¤ कला का जनà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ विकास à¤à¥€ यह हà¥à¤† है। हम किसी à¤à¥€ तरह उसको समाज से अलग नही देख सकते।
How to cite this article:
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾. अमूरà¥à¤¤ कला का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤µ (परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, अवधारणाà¤à¤, रूपरेखा à¤à¤µà¤‚ उदगम). Int J Appl Res 2014;1(1):341-342.