Vol. 1, Issue 2, Part C (2015)
याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पाराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¥€à¤¯ दणà¥à¤¡ विधानो का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पाराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¥€à¤¯ दणà¥à¤¡ विधानो का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
ममता तिवारी
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नृविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सामाजिक विकास à¤à¤µà¤‚ संतà¥à¤²à¤¨ मंे सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿-साहितà¥à¤¯ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान रहा है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जो सà¥à¤µà¤°à¥‚प इन गà¥à¤°à¤‚थो में मिलता है वह सचमà¥à¤š विशà¥à¤µ साहितà¥à¤¯ का अमूलà¥à¤¯ निधि है। यो तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आरà¥à¤¯ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का इतिहास वेदों से ही माना जाता है किनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ काल में आते-आते सामाजिक जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का सांगोपांग विवरण यथेषà¥à¤ रूप में मिलता है और याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ और पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में जो दणà¥à¤¡ विधान का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है वो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ ही नहीं वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ के लिठà¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है दोनों में तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना समीचीन पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है। याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯ ने जो दणà¥à¤¡ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की कà¥à¤¯à¤¾ वे दणà¥à¤¡ समाज के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं थे परनà¥à¤¤à¥ पाराशर ने दणà¥à¤¡ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ विशेष परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ने निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ की है।
How to cite this article:
ममता तिवारी. याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पाराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¥€à¤¯ दणà¥à¤¡ विधानो का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2015;1(2):189-191.