Vol. 1, Issue 2, Part C (2015)
शोध प्ररचना एवं शोध विधि: स्त्रियों के साथ हो रहे घटनाओं के संबंध में
शोध प्ररचना एवं शोध विधि: स्त्रियों के साथ हो रहे घटनाओं के संबंध में
Author(s)
मिहीर कुमार झा
Abstract
इस रहस्य जगत में न जाने कितने रहस्य छिपे हुए हैं। मानव चूँकि एक बौद्धिक और जिज्ञासु प्राणी है अतः अपनी इसी जिज्ञातु प्रवृत्ति के कारण वह उन रहस्यों का उद्घाटन करने के लिये आात वस्तुओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिये तत्पर रहता है। यह तत्परता उसकी सभ्यता ज्ञान और प्रगतिशील प्रगति की परिचायिका है। मानव में नवीनता को ढुँढ निकालने की और अज्ञात को खोज निकालने की प्रवृत्ति स्वाभाविक है। इस प्रयत्नशीलता का उद्देश्य ज्ञान का विस्तार और स्पष्ट ज्ञान का स्पष्टीकरण तथा विद्यामान ज्ञान का सत्यापन होता है। इसी को शोध कहते हैं। शोध प्रतिधि नीवीन ज्ञान की प्राप्ति का एक व्यवस्थित साधन और घटनाओं के अनतःस्थल तक पहूँचने का अमूर्त अस्त्र है। जब इस अस्त्र का प्रयोग सामाजिक घटनाओं के सम्बन्ध में नवीन ज्ञान की प्राप्ति उसके स्पष्टीकरण तथा सत्यापन के लिये किया जाता है तो उसी को सामाजिक शोध कहते हैं।
How to cite this article:
मिहीर कुमार झा. शोध प्ररचना एवं शोध विधि: स्त्रियों के साथ हो रहे घटनाओं के संबंध में. Int J Appl Res 2015;1(2):216-219.