Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦
Author(s)
डॉ. सरà¥à¤µà¤œà¥€à¤¤ दà¥à¤¬à¥‡
Abstract
जीवन में à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ की बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका है और करà¥à¤® की à¤à¥€à¥¤ à¤à¤• तरफ नितांत à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सब कà¥à¤› ऊपर वाले पर छोड़ कर अनà¥à¤•à¥‚ल समय का इंतजार मातà¥à¤° करते हैं तो दूसरी तरफ नितांत करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सब कà¥à¤› अपने ऊपर लेकर तनाव बहà¥à¤¤ बढ़ा लेते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦ दोनों के पकà¥à¤· में मनीषियों ने अपने.अपने मत रखे हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जानकर à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ तथा करà¥à¤® के बीच जो संतà¥à¤²à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर लेता हैठवह न तो निठलà¥à¤²à¥‡à¤ªà¤¨ का शिकार होता है और न तनाव का। कमल कीचड़ में खिलता है लेकिन कीचड़ में रहते हà¥à¤ à¤à¥€ असà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ रहता है। संसार के घनघोर करà¥à¤® के बीच à¤à¥€ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में आसà¥à¤¥à¤¾ रखने वाले अपना धीरज नहीं खोते।
How to cite this article:
डॉ. सरà¥à¤µà¤œà¥€à¤¤ दà¥à¤¬à¥‡. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦. Int J Appl Res 2017;3(1):1063-1066.