Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)

सिन्धु सभ्यता कालीन शिल्प, उद्योग, वाणिज्य, व्यापार एवं नागरीय जीवन

सिन्धु सभ्यता कालीन शिल्प, उद्योग, वाणिज्य, व्यापार एवं नागरीय जीवन

Author(s)
पूनम कुमारी
Abstract
सिन्धु सभ्यता शिल्प तथा उद्योग धन्धे में कताई-बुनाई, आभूषण, बर्तन और औजार आदि कई वस्तुओं का निर्माण किया करते थे। यातायात के लिए बैलगाड़ी और भैसागाड़ी का प्रयोग कर देश-विदेश से व्यापार किया करते थे। सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के लोग कृषि और पशुपालन के साथ-साथ शिल्प कला तथा उद्योग, वाणिज्य, व्यापार में भी बढ़-चढ़कर रूचि लिया करते थे। सिन्धु घाटी सभ्यता के हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल आदि नगरों की समृद्धि का प्रमुख स्रोत व्यापार और वाणिज्य था। यदि व्यापारिक संगठन की बात की जाए तो निश्चय ही इतनी दूर के देशों से बड़े पैमाने पर इतर क्षेत्रों से व्यापार हेतु अच्छा व्यापारिक संगठन रहा होगा. नगरों में कच्चा माल आस-पड़ोस तथा सुदूर स्थानों से उपलब्ध किया जाता था। वास्तव में सिन्धु घाटी सभ्यता अपनी विशिष्ट एवं उन्नत नगर योजना के लिए विश्व प्रसिद्ध है क्योंकि इतनी उच्चकोटि का “वस्ति विन्यास” समकालीन मेसोपोटामिया आदि जैसे अन्य किसी सभ्यता में नहीं मिलता. सिन्धु अथवा हड़प्पा सभ्यता के नगर का अभिविन्यास शतरंज पट की तरह होता था, जिसमें मोहनजोदड़ो की उत्तर-दक्षिणी हवाओं का लाभ उठाते हुए सड़कें करीब-करीब उत्तर से दक्षिण तथा पूर्ण से पश्चिम को ओर जाती थीं। इस प्रकार चार सड़कों से घिरे आयतों में “आवासीय भवन” तथा अन्य प्रकार के निर्माण किये गये थे।
Pages: 1032-1034  |  1218 Views  920 Downloads
How to cite this article:
पूनम कुमारी. सिन्धु सभ्यता कालीन शिल्प, उद्योग, वाणिज्य, व्यापार एवं नागरीय जीवन. Int J Appl Res 2017;3(1):1032-1034.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals