Vol. 3, Issue 12, Part E (2017)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में करà¥à¤® की अवधारणा
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में करà¥à¤® की अवधारणा
Author(s)
डॉ. अंजना रानी
Abstract
जनà¥à¤® से लेकर मरण तक विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के करà¥à¤®à¥‹à¤‚ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ लिपà¥à¤¤ रहता है। करà¥à¤® बंधन का कारण à¤à¥€ बनता है और मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का à¤à¥€ कारण बनता है। अतः करà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जो हम दृषà¥à¤Ÿà¤¿ अपनाते हैं, वह सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हो जाती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में करà¥à¤® के विविध रूपों का सूकà¥à¤·à¥à¤® विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ कर मानव का पथ-पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया गया है। पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ मान लिया जाता है किंतॠà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• गà¥à¤°à¤‚थों में करà¥à¤® के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• और सूकà¥à¤·à¥à¤® विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ को देखकर यह संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ करà¥à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सिदà¥à¤§ होती है।
How to cite this article:
डॉ. अंजना रानी. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में करà¥à¤® की अवधारणा. Int J Appl Res 2017;3(12):332-336.