Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 4, Issue 3, Part H (2018)

प्रेमचंद की कहानियों में चारित्रिक वैविध्य

प्रेमचंद की कहानियों में चारित्रिक वैविध्य

Author(s)
शशि प्रभा
Abstract
प्रेमचंद ने अपने कहानियों में भारतीय समाज का संपूर्ण यथार्थ व्यंजित किया है। इसी संपूर्णता की साधना के लिए उन्होंने अपने पात्रों में चारित्रिक विविधता का ध्यान रखा है। स्त्री-पुरुष, बालक, बालिका, अमीर-गरीब, किसान-मजूदर, सवर्ण, दलित सभी उनकी कहानियों के पात्र बने हैं। कहानियों में पात्रों की संख्या सीमित रखी जाती है। इसका ख्याल रखते हुए भी उन्होंने चरित्र के विकास में कोई कमी नहीं रखा है। प्रेमचंद की कहानियों के पात्र मानवीय संवेदना से परिपूर्ण, समाज की चेतना को कुरदने वाला है। उनकी कहानियों में जिस तरह की कथावस्तु निर्मित होती है, उसी तरह के पात्रों की भी योजना की जाती है। यही प्रेमचंद की विशिष्टता और अमरता का आधार है।
Pages: 512-514  |  455 Views  77 Downloads
How to cite this article:
शशि प्रभा. प्रेमचंद की कहानियों में चारित्रिक वैविध्य. Int J Appl Res 2018;4(3):512-514.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals