Vol. 4, Issue 5, Part F (2018)
दलित राजनीति का उद्भव और विकास
दलित राजनीति का उद्भव और विकास
Author(s)
मो० नसीम वारसी
Abstract
दलित हजारों वर्षो तक अस्पृश्य या अछूत समझी जाने वाली उन तमाम शोषित जातियों के लिए सामूहिक रूप से प्रयुक्त होता है जो हिन्दू धर्म शास्त्र द्वारा हिंदू समाज व्यवस्था में सबसे निचले पायदान पर स्थित है। संवैधानिक भाषा में इन्हें अनुसूचित जाति कहा गया है। भारतीय जगननणा २०११ के अनुसार भारत की जनसंख्या में लगभग १६॥६ प्रतिशत या २०॥१४ करोड़ आबादी दलितों की है। आज अधिकांश हिंदू दलित बौद्ध धर्म के तरफ आकर्षित हुए हैं और हो रहे है। क्योंकी बौद्ध बनने से हिंदू दलितों का विकास हुआ है।
How to cite this article:
मो० नसीम वारसी. दलित राजनीति का उद्भव और विकास. Int J Appl Res 2018;4(5):406-409.