Vol. 6, Issue 1, Part C (2020)
हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ विमरà¥à¤¶
हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ विमरà¥à¤¶
Author(s)
आरजू खान
Abstractपà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द से लेकर आज तक अनेक पà¥à¤°à¥‚ष लेखकों ने सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ को अपना विषय बनाया लेकिन उस रूपॠमें नहीं लिखा जिस रूपॠमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ महिला लेखिकाओं ने लिखी है। अतः सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-विमरà¥à¤¶ की शà¥à¤°à¥‚आती गà¥à¤‚ज पशà¥à¤šà¤¿à¤® में देखने को मिला। सनॠ1960 ई. के आस-पास नारी सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ जोर पकड़ी जिसमें चार नाम चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ हैं। उषा पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¥à¤µà¤¦à¤¾, कृषà¥à¤£à¤¾ सोबती, मनà¥à¤¨à¥‚ à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ शिवानी आदि लेखिकाओं ने नारी मन की अनà¥à¤¤à¤¦à¥à¤°à¥à¤µà¤¨à¥à¤¦à¥à¤µà¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ आप बीती घटनाओं को उकरेना शà¥à¤°à¥‚ किठऔर आज सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-विमरà¥à¤¶ à¤à¤• जà¥à¤µà¤²à¤‚त मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ है।
आज मैतà¥à¤°à¥‡à¤¯à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾ तक आते-आते महिला लेखिकाओं की बाॠसी आ गयी जो पितृसतà¥à¤¤à¤¾ समाज को à¤à¤•à¤à¥‹à¤° दिया। नारी मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की गà¥à¤‚ज अब देह मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रूप में परिलकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होने लगा।
How to cite this article:
आरजू खान. हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ विमरà¥à¤¶. Int J Appl Res 2020;6(1):192-193.