Vol. 7, Special Issue 7, Part C (2021)
वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾.इसके सकारातà¥à¤®à¤• और नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾.इसके सकारातà¥à¤®à¤• और नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
अरविंद कà¥à¤®à¤¾à¤°, जसवंत सिंह à¤à¤µà¤‚ मोनिस नफीस
Abstract
इस पतà¥à¤° का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ और शिकà¥à¤·à¤¾ पर इनके पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से संबंधित है। हम वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ के यà¥à¤— में जी रहे हैं। वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ उससे कहीं अधिक है। वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ सà¤à¥€ समाजों के आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, सामाजिक और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• ताने-बाने में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जटिल पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करता है। हम à¤à¤• गहन रूप से अनà¥à¤¯à¥‹à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤¿à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में रहते है। सेवाओं में अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ लेनदेन को अमूरà¥à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के रूप में परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ किया जाता है जो à¤à¤• ही समय में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरित और उपà¤à¥‹à¤— किठजा सकते हैं। परंपरागत रूप से सेवाओं को घरेलू गतिविधियों के रूप में देखा जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• और उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ के बीच सीधा संपरà¥à¤• और बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सरकारी à¤à¤•à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° है। उà¤à¤°à¤¤à¥€ डिजिटलीकरण अवधारणा ने इस धारणा को बदल दिया है। सूचना और संचार पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के उदय ने ई-कॉमरà¥à¤¸, ई-बैंकिंग, ई-लरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग, इमेडिसिन और ई-गवरà¥à¤¨à¥‡à¤‚स को जनà¥à¤® दिया है। इसलिà¤, यह तरà¥à¤• दिया जाता है कि सरकार के लिठपà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी-संचालित गतिविधियों का सामना करना कठिन होता जा रहा है। उसके कारण आजकल शिकà¥à¤·à¤¾ अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° की वसà¥à¤¤à¥ बन गई है। यह अब घरेलू सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤• सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• वसà¥à¤¤à¥ नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤• निजी वसà¥à¤¤à¥ है। वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾ को अगà¥à¤°à¤¿à¤® पंकà¥à¤¤à¤¿ में लाता है। पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ में, शिकà¥à¤·à¤¾ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨, समाज और तकनीकी अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में शामिल करने के लिठपà¥à¤°à¤®à¥à¤– उपकरण होने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है। इस पतà¥à¤° में हम जà¥à¤žà¤¾à¤¨, शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ और नीतियों पर वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को देखने जा रहे हैं।
How to cite this article:
अरविंद कà¥à¤®à¤¾à¤°, जसवंत सिंह à¤à¤µà¤‚ मोनिस नफीस.
वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾.इसके सकारातà¥à¤®à¤• और नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2021;7(7S):101-104. DOI:
10.22271/allresearch.2021.v7.i7Sc.8687