Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 8, Issue 11, Part B (2022)

लोकतंत्र में स्थानीय शासन की भूमिका - नगरीय निकायों के संदर्भ में विशेष अध्ययन

लोकतंत्र में स्थानीय शासन की भूमिका - नगरीय निकायों के संदर्भ में विशेष अध्ययन

Author(s)
डॉ. नागेंद्र सिंह भाटी
Abstract
भारत एक लोकतांत्रिक देश है लोकतंत्र के माध्यम से व्यक्ति राष्ट्र के विकास में अपनी भागीदारी निभाता है। अब्राहम लिंकन के अनुसार - लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, तथा जनता द्वारा शासन है। लोकतंत्र में सरकार का निर्माण जनता द्वारा किया जाता है। लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है, जब किसी देश के स्थानीय लोगों की शासन में भागीदारी हो, उन्हें प्रशिक्षण मिले, यह केवल स्थानीय शासन में ही संभव है।
भारत में लोकतंत्र की स्थापना का आधार कहे जाने वाले स्वशासन की इकाइयों मे नगरीय शासन अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नगरीय शासन में त्रिस्तरीय व्यवस्था है जो नगरों के विकास पर बल देती है ।
किसी भी समाज में स्थानीय स्वशासन की अवधारणा को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसे ऐसे तंत्र के रूप में देखा जाता है जो लोकतंत्र की जमीनी स्तर पर कार्य करता है। स्थानीय सरकार में स्वशासन शब्द अधिक स्पष्ट रूप से दैनिक जीवन के कार्यों के निवर्हन में लोगों की भागीदारी की अवधारणा पर जोर देता है।
लार्ड ब्रिस के अनुसार स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र की सबसे अच्छी विचारधारा है और लोकतंत्र की सफलता की सर्वाेत्तम गारंटी है।“ स्थानीय सरकारों को सरकार के तीसरे स्तर के रूप में जाना जाता है ।
स्थानीय स्तर के विकास में स्थानीय व्यक्तियों की सहभागिता बढ़ाने हेतु भारत में स्थानीय स्वशासन संस्थाएं स्थापित की गई। स्थानीय शासन देश की शासन व्यवस्था में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का सशक्त माध्यम है। स्थानीय स्वशासन का आधार यही है कि स्थानीय लोग अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को सबसे अच्छी तरह जानते हैं और उन्हें भली भांति हल कर सकते है। स्थानीय शासन लोगों व् सरकार के मध्य संचार के एक चौनल के रूप में कार्य करता है । नगरीय शासन की संरचनात्मक, संगठनात्मक, प्रक्रियात्मक एवं वित्तीय सुविधा लाने की आवश्यकता, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव, जातिवाद, सांप्रदायिकता तथा दलगत राजनीति की समाप्ति, कुशल एवं ईमानदार लोगों को प्राथमिकता, नगर पालिका की गरिमा तथा जनता के समक्ष उसके प्रति अच्छा चरित्र प्रस्तुत करना, महिलाओं की संख्या बढ़ाना, व्यापारियों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करना, राजनीतिक दलों की सकारात्मक भूमिका, जनता की सहभागिता प्राप्त करना आदि सुझाव के कारण योग्य एवं ईमानदार, प्रभावी राजनीतिक एवं प्रशासक नगरीय नेतृत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं । हमें इस दिशा में बढ़ने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक दृष्टिकोण तथा निष्पक्ष पूर्ण प्रयास करने की आवश्यकता है।
Pages: 72-76  |  277 Views  130 Downloads
How to cite this article:
डॉ. नागेंद्र सिंह भाटी. लोकतंत्र में स्थानीय शासन की भूमिका - नगरीय निकायों के संदर्भ में विशेष अध्ययन. Int J Appl Res 2022;8(11):72-76.
Related Journals
Related Journal Subscription
Important Publications Links
International Journal of Applied Research

International Journal of Applied Research

Call for book chapter
International Journal of Applied Research