Vol. 8, Issue 4, Part D (2022)
रामदरश मिशà¥à¤° के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठसंघरà¥à¤·à¤°à¤¤ नारियाà¤
रामदरश मिशà¥à¤° के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठसंघरà¥à¤·à¤°à¤¤ नारियाà¤
Author(s)
डॉ0 जीत सिंह, कविता रानी
Abstract
शिकà¥à¤·à¤¾ का मानव जीवन में बहà¥à¤¤ बड़ा महतà¥à¤¤à¥à¤µ है। हमारे समाज की, हमारे परिवार की, हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की और हमारे देश की पà¥à¤°à¤—ति के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ बहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¥‚ष पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ देश है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश की अधिकांश जनता गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में निवास करती हैं। पà¥à¤°à¥‚ष पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ होने के कारण गाà¤à¤µà¥‹ में नारी शिकà¥à¤·à¤¾ पर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया जाता था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर लोग अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤, रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ होते हैं। उनका मानना होता है कि लड़कियों को पà¥à¤¾à¤ˆ-लिखाई से कà¥à¤¯à¤¾ वासà¥à¤¤à¤¾? उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो घर के काम-काज सीखने चाहिà¤à¥¤ घर के काम-काज उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनकी माठसहज रूप से बिना पà¥à¤¾à¤ˆ के ही सीखा देती है। रामदरश मिशà¥à¤°à¤œà¥€ ने गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ जीवन जिया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गाà¤à¤µ की नारियों की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ का कारण अशिकà¥à¤·à¤¾ को माना है। मिशà¥à¤°à¤œà¥€ ने अपने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यह दिखाया है कि नारी शिकà¥à¤·à¤¾ कितना जरूरी है। नारी शिकà¥à¤·à¤¾ से नारी का विकास होगा और उसके अनà¥à¤¦à¤° आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ पैदा होता है। आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ होने पर वह अपने अधिकारों को जान सकती है। शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने से नारी अपने ऊपर हो रहे अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ और अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का विरोध कर सकती हैं। मिशà¥à¤°à¤œà¥€ के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में लगà¤à¤— अधिकतर नारी पातà¥à¤° थोड़ा बहà¥à¤¤ पॠलेते है। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° नारी पातà¥à¤° पà¥à¤¾à¤ˆ के लिठसंघरà¥à¤· करते है जैसे-‘जल टूटता हà¥à¤†’ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में शारदा, ‘अपने लोग’ में विà¤à¤¾ ‘बिना दरवाजे के मकान’ में दीपा, ‘दूसरा घर’ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में शोà¤à¤¾ ‘थकी हà¥à¤ˆ सà¥à¤¬à¤¹’ में लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€, ‘बीस बरस’ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में पवितà¥à¤°à¤¾ आदि नारी पातà¥à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठगाà¤à¤µ के रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€, परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ और अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ परिवार वाले अपने माता-पिता से समाज की कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं और कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का विरोध कर शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करती है।
How to cite this article:
डॉ0 जीत सिंह, कविता रानी. रामदरश मिशà¥à¤° के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठसंघरà¥à¤·à¤°à¤¤ नारियाà¤. Int J Appl Res 2022;8(4):244-247.