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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 8, Issue 9, Part D (2022)

अलकनंदा बेसिन (उत्तराखंड) का अपवाह-तंत्र एवं सम्बद्ध प्राकृतिक तथा मानव-निर्जित जोखिम

अलकनंदा बेसिन (उत्तराखंड) का अपवाह-तंत्र एवं सम्बद्ध प्राकृतिक तथा मानव-निर्जित जोखिम

Author(s)
ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ. अनुपम पाण्डेय
Abstract
वैश्वीकरण के इस दौर में सम्पूर्ण विश्व औद्योगीकरण की अंधी दौड़ में शामिल है एवं प्रत्येक अधिकाधिक उत्पादन करना एवं लाभ अर्जित करना चाहता है ऐसे में जनसंख्या के भारी दबाव एवं आजीविका के परिवर्तनशील विकल्पों के कारण प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन सम्पूर्ण विश्व की एक प्रमुख चिंता बनी हुई है। इस शोध-प्रपत्र का प्रमुख उद्देश्य अलकनंदा बेसिन के विशेष सन्दर्भ में उसके अपवाह तंत्र एवं संबद्ध प्राकृतिक तथा मानव निर्मित ऐसे कारकों का अध्ययन करना है जो उक्त क्षेत्र में किसी भी प्रकार का जोखिम पैदा करते हैं अथवा कर सकते हैं। इस अध्ययन को पूर्ण करने के क्रम में अन्य प्रविधियों के साथ ही गुणात्मक एवं मात्रात्मक दोनों ही प्रकार के आंकड़ों जिनमें प्राथमिक एवं द्वितीयक आंकड़ों के सेट सम्मिलित हैं, का प्रयोग किया गया है।
शोधार्थी द्वारा अध्ययन क्षेत्र में समय बिताकर एकत्रित अनुभव एवं आंकड़ों का अध्ययन इस तथ्य को इंगित करता है कि पर्वतीय क्षेत्रों के पारिस्थितिक रूप से अतिसंवेदनशील वातावरण में आजीविका विकल्पों को बढ़ाने और विविधीकरण के साथ स्थिरता का लाभ प्राप्त करने के प्रयासों के परिणाम स्वरूप उनकी प्राकृतिक स्थिरता प्रभावित होती है। इस प्रकार के हस्तक्षेप प्राकृतिक एवं मानवीय दोनों ही प्रकार के जोखिम को बढाते हैं।
Pages: 283-286  |  658 Views  236 Downloads


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How to cite this article:
ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ. अनुपम पाण्डेय. अलकनंदा बेसिन (उत्तराखंड) का अपवाह-तंत्र एवं सम्बद्ध प्राकृतिक तथा मानव-निर्जित जोखिम. Int J Appl Res 2022;8(9):283-286.
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