Vol. 9, Issue 3, Part C (2023)
घरेलू कामकाजी महिलाओं का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
घरेलू कामकाजी महिलाओं का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
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लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstractघरों में काम करने वाली महिलाà¤à¤‚ अरà¥à¤¥ उपारà¥à¤œà¤¨ हेतॠसà¥à¤¬à¤¹ से शाम तक घरों में घरेलू कामकाज करती हैं। गरीबी, महंगाई à¤à¤µà¤‚ दैनिक आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं को पूरा करने के लिठमहिलाà¤à¤‚ घर से बाहर निकलकर दूसरे के घरों में जाकर काम करती हैं। औदà¥à¤¯à¥‹à¤—ीकरण à¤à¤µà¤‚ नगरीकरण के कारण घरेलू कामकाजी महिलाओं की मांग में काफी बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है। गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में शहरों की ओर पलायन हà¥à¤† है।
इससे उनकी पारिवारिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सà¥à¤§à¤¾à¤° हà¥à¤† है और उनके जीवन सà¥à¤¤à¤° में परिवरà¥à¤¤à¤¨ आयकताओं तक को पूरा करने के लिये पति पर निरà¥à¤à¤° होना पड़ता था वहीं आज वे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपनी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं को पूरा कर रही हैं।घरेलू कामकाजी महिलाओं की संखà¥à¤¯à¤¾ करोड़ों में है। आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात है कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अà¤à¥€ तक कामगार का दरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं हà¥à¤† है। नारी उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ का à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप यौन उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ है। सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ जहाठकारà¥à¤¯ करती हैं, वहाठउनके मालिकों à¤à¤µà¤‚ बाॅस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कà¤à¥€-कà¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का यौन शोषण à¤à¥€ किया जाता है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¤¾ करने के लिठआरà¥à¤¥à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ à¤à¥€ दिठजाते हैं और समरà¥à¤ªà¤£ न करने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उनके साथ दà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° किया जाता है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ परेशान किया जाता है, उन पर à¤à¥‚ठे आरोप लगाकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फंसाया जाता है जिससे तंग आकर या तो वे नौकरी छोड़ देती हैं या समरà¥à¤ªà¤£ कर देती हैं।
सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ घरेलू कामगारों के लिठकिठजा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ अपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। अतà¤à¤µ इस संबंध में सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गमà¥à¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से कई कदम उठाने की जरूरत है।
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लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. घरेलू कामकाजी महिलाओं का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2023;9(3):155-160.