Vol. 9, Issue 5, Part A (2023)
सरोज सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿: करà¥à¤£à¤¾ और वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ की तसà¥à¤µà¥€à¤°
सरोज सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿: करà¥à¤£à¤¾ और वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ की तसà¥à¤µà¥€à¤°
Author(s)
राहà¥à¤² पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯
Abstractसरोज सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ निराला जी की आतà¥à¤®à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• कविता है जिसमे निराला जी ने अपनी पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ सरोज के बचपन के चितà¥à¤°, धरà¥à¤®à¤¿à¤• विधानों से परे पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ का विवाह और अपनी पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के असामयिक निधन का हृदयहारी वरà¥à¤£à¤¨ किया है। कविता में आहत पितृ हृदय का अंकन है। साथ ही समाज के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ गहरा आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ और वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ à¤à¥€ चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया है। कविता में निराला जी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की जटिलताओं का à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ है। इस आलेख में इसी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से विचार किया गया है।
How to cite this article:
राहà¥à¤² पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯. सरोज सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿: करà¥à¤£à¤¾ और वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ की तसà¥à¤µà¥€à¤°. Int J Appl Res 2023;9(5):18-21.