Vol. 9, Issue 5, Part C (2023)
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥à¤¯-सामाजिक परिवेश
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥à¤¯-सामाजिक परिवेश
Author(s)
डॉ. रजनी मैहला
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ देश होने की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से यहाठके पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिक को इस शासà¥à¤¤à¥à¤° का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना अनिवारà¥à¤¯ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में यह विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ अनिवारà¥à¤¯ रूप से पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाना चाहिठताकि आज के यà¥à¤µà¤• गांवों के जीवन से अपरिचित न रहें। अधिकांशतः यह देखा जाता है कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾ से उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ होकरकारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ गांवों में जाते हैं तो वे सफल नहीं होते हैं विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से निकले यà¥à¤µà¤• गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ जिनà¥à¤¦à¤—ी से घृणा करते हैं। अतः गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° का वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठमहतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। हमारी वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सरकार गà¥à¤°à¤¾à¤® विकास की ओर लगी हà¥à¤ˆ है। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। सरकार इस ओर विशेष पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² है। गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठइस विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• आवशà¥à¤¯à¤• है।
How to cite this article:
डॉ. रजनी मैहला. गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥à¤¯-सामाजिक परिवेश. Int J Appl Res 2023;9(5):181-189.